आखिर चाहिए.......कौन ? कितने ? और कैसे??

आखिर चाहिए ..........कौन ? कितने ? और कैसे ?? (अफसाना ) एक लड़का था दुबला पतला छोटे बाल , काली आंखें , आम हालत में दिखने वाला नाम था सुकून । कहने को तो उसका नाम सुकून था मगर वह हर वक्त न जाने कहां गुम सुम सा रहता था । उसके दिमाग में हर वक्त कुछ ना कुछ चलता रहता , लगता था जैसे कुछ उधेड़बुन में लगा रहता है । मैं उस पर कई रोज़ से नज़र रख रहा था लेकिन हर बार वो उसी कैफियत में नज़र आता था । वही सुनसान मिज़ाज का मालिक । एक दिन मैंने उससे बात करने को सोचा, मैं जब उसके घर की तरफ आया तो वो अपने घर से निकल ही रहा था , मैंने उसे रोका और सलाम किया उसने भी बहुत अदब के साथ सलाम का जवाब दिया और खैरियत पूछी । उसका अखलाक अच्छा था । उसके अखलाक ने मेरे ऊपर असर किया और इसलिए मजीद उसके बारे में जानने के लिए मेरे अन्दर दिलचस्पी हुई , मैंने उससे कहा -" क्या हम थोड़ी देर बात कर सकते हैं ? तो जवाब में कहा-" जी जरूर " और हम दोनों एक बगीचे की तरफ चले गए जो कि हमारे कस्बे से सटा हुआ था । रास्ते में चलते चलते मैंने बातचीत शुरू की तो उसने भ...