मुश्किल वक्त और मीडिया l

               
आज सारी दुनियाँ एक ही परेशानी में फंसी हुआ है जिसका नाम कोरोना वायरस है अलग-अलग देश अलग अलग तरीके से उससे निपटने को तैयार है और निपट भी रहे हैं,कहीं पर दवा को बनाने का काम चल रहा है, कहीं पर लोगों को घर में ठहरने को कहा जा रहा है ,कहीं पर लोगों से कहा जा रहा है कि अपने हाथ मुँह धोकर बचाव करें।

 इन सबके बीच जो सबसे ज्यादा जरूरी है  कि हम लोगों में आत्मविश्वास कैसे ले कर आएं ? हम लोगों को कैसे समझाएं?  उसके लिए हमारे पास सिर्फ एक रास्ता होता है क्योंकि  हम लोगों के घर घर तो नहीं जा  सकते और समझाना भी सभी को है तो उसके लिए हमारा ध्यान  मीडिया पर जाता है ,और उसी पर हम यकीन रखते हैं कि मीडिया अवाम को एक दूसरे से बाँधकर रखेगा ।   अच्छे ख्यालात,  अच्छे बर्ताव को लोगों तक पहुंचाएं। कैसे इस  बीमारी से ,और इसके अलावा भी मुश्किलों से कैसे लड़ना है यह मीडिया के जरिए हम लोगों तक पहुंचा सकते हैं भारत एक ऐसा देश है जहां पर लोग बहुत जल्दी इमोशनल हो जाते हैं, बहुत जल्दी हर बात  पर यकीन कर लेते हैं,बहुत जल्दी झूठी बात को भी सच मान लेते है,  ऐसे में हमें चाहिए कि हम उन्हें सिर्फ और सिर्फ प्यार और एक दूसरे का बचाव करने पर तैयार रहना की सलाह दें, एक दूसरे के लिए पॉजिटिव रहने की सलाह दी जाए एक दूसरे के लिए मदद का जरिया बनने की सलाह दी जाए ।

भारत हमारा देश जोकि गंगा जमुनी तहजीब का देश माना जाता है इसमें सभी को एक साथ रहना जरूरी है वरना यह देश तरक्की में अभी और भी वक्त लेगा, अगर इसी तरह से लोग एक दूसरे से नफरत करते रहे तो हम मजहबी नफरतों से अपने मुल्क को बहुत भारी नुकसान पहुंचाएंगे।

ऐसे में हर नफरत वाली बात को समझाने की जिम्मेदारी मीडिया की बनती है हर देश की मीडिया अपने देशवासियों को जोड़ने का काम करती है ।
 जिधर सारी दुनिया की मीडिया अपने देश को बचाने और अपने अपने लोगों में हिम्मत जुटाने में लगी हुई है वही हमारी मीडिया एक दूसरे में नफरत फैलाने में लगी हुई है क्या मीडिया का काम लोगों में भड़काव  पैदा करना है क्या मीडिया का काम झूठ बात को टीवी पर चलाना है ? क्या मीडिया को खबर है कि उनकी  जरा सी एक बात से लोगों के दिमाग पर कितना असर पड़ सकता है ? क्या मीडिया को खबर है कि लोगों के बीच नफरत फैलाकर वह कितना बड़ा नुकसान देश का कर रही है ? या  सिर्फ यह अपनी टी आर पी  बढ़ाने मे लगे रहेंगे ?
          कोई नेता कोई भी राजनीतिक पार्टी इस देश को ज़्यादा बर्बाद नहीं कर रही है अगर कर रहा है तो मीडिया। क्योंकि राजनीतिक पार्टियां अगर किसी से डरती हैं और उसके डर से काम करती हैं तो वह सिर्फ मीडिया होती है क्योंकि मीडिया उन सब की पोल खोल कर जनता के सामने रख देती है लेकिन जब मीडिया ही दंगा फैलाने के काम करती है तो फिर आप किस पर यकीन कर सकते हैं , हमें अभी भी समझना होगा कि हमारा देश कितना पीछे जा रहा है , हमें अभी भी समझना होगा कि देश को आगे बढ़ाने के लिए हम एक दूसरे का हाथ थामना होगा वरना हम तरक्की तो दूर की बात देश को बर्बाद ही करते चले जाएंगे और नफरत में यह भूल जाएंगे कि आने वाली नस्लें हमें किस हद तक गलियाँ देंगी क्योंकि  जिस दौर में हर देश अपने  बच्चों को यह सिखाता है अपने मुल्क को कैसे आगे ले जाना है अपने मुल्क से मोहब्बत करते हुए  उसका नाम कैसे रोशन करना है उस वक्त वो हमारे फैलाये हुए ज़हर से एक-दूसरे से दुश्मनी निभा रहे होंगे । मीडिया छोटे बच्चों तक के दिमाग में यह बात डालने को तैयार है कि हम एक दूसरे से अलग हैं और जब तक इस देश के लोगों के दिमाग में यह रहेगा हम तरक्की नहीं कर सकते।

                              कलीम पाशा ✍
               

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